Panchpargania Maidhyakalin Kavi Best Jankari 3

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Panchpargania Maidhyakalin Kavi हिंआ एक लाइनर केर रूपे देल जातेहे, संगी-साथी त’हरे जदि जे.एस.एस.सी केर तेआरि क’राला, चाहे पंचपरगनिया भासा केर प’ढ़ाइ क’राला त’ निचित रूपे इ एक लाइनर प’इंट गिला काम आइ। आसा आहे तोहरे स’उब लाभ उठाबा

Panchpargania Maidhyakalin Kavi नाराइन सिंह

  •  जनम – 1740, बारेंदा गाँवेक राज घरानाय, परगना – बांड़दा (बारेन्दा)
  •  इमन दुइ भाइ – हरिहर सिंइ, आर नाराइन सिंइ
  •  बापेक नाम अर्जून सिंह (बांड़दा राज घरानाक तीसर पीढ़ीक राजा)
  •  हरिहर सिंह राज पाट चालाए लागलएँ आर नाराइन सिंह गीत गबिंद मेंहेन रूचि राखलएँ।
  •  नाराइन सिंह गाहक, रचनाकार आर सउबले बडे गुन रहे बाँसी बाजाएकटा मेंहेन असताद।
  •  इमने बांसी बाजाबाइ टाएँ बहुत ख्ेाआति पाए रहएँ आर एहे खेआतिक चलते इमन कर बड़े भाइ हरिहर सिंह इमने के घर ले कुदाए रहएँ। इटाक साबुज इ गित टाँए हएला।

टुँगरी उपरे नाराइन बांसी टी बाजाइल’
घरेर रानी भात दिते बांसी टी सुनिल’
बांसीर सुर सुनी रानीर हइल’ भूल
भात दिते रानी भूल’ करील’
रानीर भूल देखी राजा हाराइल’ गेआन
नाराइन के खेदील’ राजा जागदा बागान।।

  •  इमन कर गिते राम आर किसन’ केर छाप देखाएला एकर आलाउआ रह’इस आर देह’ तत्तक गीत’ देखल जाएला।
  •  इमन कर ख्ेाआति देइख कहन इमन केर दादा हरिहर सिंह एकटा डम केर दाराए काटुआए देलएँ।
  •  कहल जाएला इमन के काटल परउ मुख ले गीत आर गात ले लहुक जाएगाएँ खुन बाहरात रहे। आर एसन’ मानल जाएला कि जागदा बागान केर सउब आम गाछ गिला इमन केर सनमाने इमन केर बेटेइ निहइर जाए रहे।
  •  15.01.2010 मेंहेन पंचपरगनिया भासा बिकास समिति बुंडू केर सद’इस जागदा बागान सरबेछन करे जाए रहएँ। एखन हुंआ एक’टा गाछ नेखे । किबल टांइड़ आहे, मिंतुक एकटा रास ढीपी जरूर आहे। जेटाक माटी गाँवेक लग हर साल लेजाएनला आर मधु रास केर पुजा आर मेला लागाएनला।
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Panchpargania Maidhyakalin Kavi

Panchpargania Maidhyakalin Kavi धुम सिंह

  •  जनम – 1838 इसबि, गाँव – बसंतपुर, राहे
  •  बापेक नाम – ठाकुर चामु सिंह
  •  17 वीं सताबदी मेंहेन बसंतपुरे राजा बसंत सिंह केर राइज पाइट रहे आर इमन केरे नामे बसंत पुर गाँव केर नाम हए आहे।
  •  धुम सिंह छ’ भाइएक मइधे सउबले छटे रहे।
  •  इमन केर गीत रचना पाला बंदी मेंहेन आहे।
  •  इमन केर बिस’ए राधा-किसन’ केर परसंगे आहे।
  •  इमन दुइ धं बिहा कइर रहएँ, पहिला बिहा कढ़इला केर ठाकुर खानदाने आर दसर बिहा हालमाद केर ठाकुर खानदाने कइर रहएँ।
  •  पहिला बहु टाले एक’टा छुआ नि हलएँ, दसरा बहुटा ले तीन टा छुआ हलएँ – दुइ बेटा आर एकटा बेटि, बेटा गिलाक नाम- गोपाल आर तरनी हेके।
  •  इमन नामकरा कबि, नामकरा गाहक, नामकरा नाच’इआ, आर नामकरा मांदरिआउ रहएँ।
  •  इमन कबिताक दाराएँ लगेक संग गल्फ’ करत रहएँं।
  •  इमनेक सम’इए 1875 आस-पासे आकाल कइर रहे। बिहिन राखेक तक धान नि रहे तखन इमन आड़ाल केर ठाकुर दास मांझी ताहाँ धान बिहिनेक तेहें गीतेक दांइजे निबेदन जानाए रहएँ । गीत टा इ रकम आहे –

एका दासू माझी
बड़’ भाइग’मान।
इ समइए इस्सर तहें भग’मान
मांझी देहु किछु धान।
बेसी नाहीं चाही हामे, पाँच बुँद लागे काम
अटकाल बान,
इ समइए इस्सर तेहें भग’मान
मांझी देहु किछु धान।
धूम सिंह दुआरेहु, जाएदाद लिखि लेहु
जमके बाहन,
इ समइए इस्सर तहे भग’मान
मांझी देहु किछु धान।

  •  इमन लगभग एक स’ बछर बांइच रहएं।
  •  इमन गलफ’ करत-करत केइ मइर जाए रहएँ।
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Panchpargania Maidhyakalin Kavi

Panchpargania Maidhyakalin Kavi कालिया

  •  जनम – 1860, बाबई कुंड़ी, तमाड़
  •  बापेक नाम – मदन सिंह बाबु
  •  इमन केर गुरू हरि मछुआ रहएँ।
  •  इमन जनम लेइ खड़ा रहएँ (चले बुले नि पारत रहएँ)।
  •  इमन गाँव केर छटे-छटे छुआ के पढ़ात रहएँ आर बादे सरकारी मासटर बइन रहएँ।
  •  पढ़ुआ छुआ सउब इमन के एकटा काठेक गाड़ी (सगड़) बनाए दे रहएँ। इटाहिं इमन हिंदे-हुंदे आउआ-जाउआ करत रहएँ।
  •  इमन केर एक’टा छुआ-पुता नि रहएँ।
  •  इमन सगुन आर निरगुन दुइअ धाराक रचना कइर आहएँ। किंतु राधा-किसन’ केर लिला खेलाएँ बेसी रचना आहे। बिसेस बिंदावन खेलाक रचना बेसी आहे।
  •  अइधातमक बाद आर रहइसबाद मेहनउ इमन केर रचना आहे। निमुद –

सलिले अमुत आछे, पुसपेते गंध’ रहिछे
काठ मइधे जेन’ हुतासन
सेइ मत’ बिराजित अनुभबे अब’गत
देह’ मइधे देब निरंजन।

Panchpargania Maidhyakalin Kavi
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इन्हे भी देखें :-

सारांश

इ आरटिकल टा केसन लागलग जरूर कमेंट करबा। एसने बेस-बेस परीछा उपजगि आरटिकल पढ़ेक तेहें हामरेक बेबसाइट टाके र’जे भिजिट क’रबा। एकर अलावा पंचपरगनिया भासा संबंधी केसन जानकारी चाहाला उटाकउ कमेंट केर दाराए बताबा। लेगे सउब के जोहार कर’तिहि।


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