Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari 2

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Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari 2  हिंआ एक लाइनर केर रूपे देल जातेहे, संगी-साथी त’हरे जदि जे.एस.एस.सी केर तेआरि क’राला, चाहे पंचपरगनिया भासा केर प’ढ़ाइ क’राला त’ निचित रूपे इ एक लाइनर प’इंट गिला काम आइ। आसा आहे तोहरे स’उब लाभ उठाबा

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Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari

Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari रामकिस्न’ गांगुली (राम किस्ट’)

  •  रामकिस्न’ गांगुलीक जनम – 1868 इसबि आस-पास, गाँव-बीरडीह, परगना-पातकुम, सारइकेला, इचागढ़
  •  बापेक नाम – बरज गपाल गांगुली, (बाभन परिबार)
  •  बांगाल केर बस’ बास कर’इआ रहएँ। किंतु गारवीं सताब्दीक इस्लामी अइताचार केर बादे पातकुम परगना आए रहएँ।
  •  बरज गपाल पातकुम परगनाक राजा घरेक राज पुजारी रहएँ।
  •  राजा साहेब इमन के बीरडीह मउजा दान दे रहएँ।
  •  रामकिसन’ केर कद – काठी ग’रा-नारा, लाम्बा-चउड़ रहएँ।
  •  इमन रसिक मिजाजी लग रहएँ। इमन गित गितकात आर खुब सुंदर बाजाब’ करत रहएँ। संगे-संगे एकटा नामकरा कबि रहएँ।
  •  इमन केर तीन टा नाचनी रहएँ।
  •  इमन उ समइ केर पढ़ल-लिखल बिद्वान कबि रहएँ।
  •  इमन भवप्रीता नंद ओझा ताहाँ आपन तीनों नाचनी के लेकहन जाए रहएँ आर अकर पासे नाच-गान कइर रहएँ तखन इमन केर राव, गमक, मुरकी, मीड़ सुइन कहन भवप्रीता जी इमन के सउबले बेस झुमइर गाहक कइ रहएँ। एकर ले पहिल इमन आपन किताब मेंहेन कइ फुचकाए रहएँ कि मर गित गिलाक बेस गाहक श्री सिरोमनी हाजराइ (भवप्रीता जी केर चेला) हेकएँ।
  •  इमन जखन बानारस तिरथ’ करे जाए रहएँ तखन हुआँ कन’ गीत बइठकी मेंहेन झुमेइर गितकाए रहएँ । इमन केर गित सुइन कहन एकटा पद्दा नाम केर नाचनी हाबु-डाबु (म’हित) हए कहन इमन कर संगे बीरडीह पातकुम आए रहे।
  •  इमन केर गित-झुमइर करल टाएँ इमन कर बाप नाखुस रहे।
  • इमन केर कुल गुरू, बापेक आदेसे इमन के गीत झुमइर करेक तेहें माना कइर रहे । किंतु एकटा एसन गित सुनाए देलएँ कि कुल गुरू अबाक रइ गेलएँ आर कहलएँ कि तएँ गित झुमइर कबउ ना छाड़बे । गित टा इ रकम आहे-

रसेर सागर माझे, प्रेम कमल’ बिराजे
परिमले दिगन्ते जाहार
आछे मधु सांति ताए, अइने कि जानिबे हाए
साधु अलि मरम’ जाने तार।।

  •  इमन केर बिस’ए रहे – राधा-किस्न’, रहइसात्मक।
  •  राधा-किस्न’ मुइख बिस’ए रहे।
  •  इमन केर मिरतु सत्तर बछर केर उम’इरे हए आहे।
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Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari उदय

  •  जनम – 1867-68 आस-पास, गाँव – चिमटिया, इचागढ़ थाना।
  •  इमन केर पुरा नाम ‘‘कबिराज उदय’’ हेके।
  •  कहल जाएला कि इमन कर खानदाने चिकित्सा केर काम पुरना जमाना ले करत रहएँ अहे तेहें इमनेक टाइटेल कबि राज हए ह’इ।
  •  कबिराज उदय केर एक’टा छुआ नि रहेन अहे तेहें एकटा बालपस छुआ के राइख रहएँ।
  •  बरत’माने उमेस कबिराज इचागढ़े डाकटर हेकेन।
  •  इमन कर रचनाएँ राधा किसन’ केर पेरेम, रहइस’बाद आर आइधातमिक बाद केर पुट देखाएला।
  •  इमन कर भासा पंचपरगनिया मेसल बांगला, आर पंचपरगनिया हेके।

इमन केर बंस –

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Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari दीना तांती

  •  जनम – 1840, गाँव – सिरूम, थाना – इचागढ़, पातकुम परगना
  •  पेसा – लुगा बुनेक।
  •  इमन पढ़ा लिखा त बेसी नाइ कइर रहएँ किंतु अइभासेक बले रामायन, माहाभारत, साराबली आर भागबत गिता एमाइन गिलाक अइधन कइर लेत रहएँ।
  •  इमन किसन’ पेरेम केर पागला कबि हेकएँ।
  •  इमन केर गितेक दांइज पाला बंदी हेके। इमन केर नामकरा पाला- बासर सज्जा, पुतना बध, रास-पाला, बाल क्रीड़ा जल संबाद, दधि संबाद, रूप बरनन, बाँसी पाला एमाइन हेके।
  •  इमन दसरा देबी-देवता केर’ गीत रचना कइर आहएँ।
  •  इमन कर गीते भइनता रूपे दीना, दीनुआ, दीनबंधु नाम पाउआएला।
  •  इमन केर एकटा छटे मटे एकटा किताब पाउआएला जेटाक नाम ‘दीनार गीत’ हेके। इटाएँ लगभग पचीस टा गीत आहे। इ किताब टाक छापुआइआ आर इसबि सन केर कन’ पाता नेखे।

Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari नरत्तम सिंह

  •  जनम – 1862 इसबि, गाँव – टोड़ांग, थाना – झाइलदा, पछिम बांगाल केर एकटा मानकी खानदाने।
  •  इनम केर एकटा नाचनी रहे।
  •  इमन केर गीत रचनाएँ राधा-किसन’ आर चइतन महापरभुक टान देखाएला।
  •  इमन के सिंगार रसेक राज कबि कहल जाएला।
  •  संजग सिंगार बेसी मातराएँ आहे।
  •  झुमेइर गितेक संगे इमने बिहा गीत केर’ रचना कइर आहएँ।
  •  इमन केर बिहा गित रामायन पाला मेंहेन आहे।
  •  इमन केर मिरतु 1938 मेंहेन हए आहे।
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सारांश

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