Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar|पंचपरगनिया भाषा का क्षेत्र विस्तार

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Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar|पंचपरगनिया भाषा का क्षेत्र विस्तार|पंचपरगनिया भासाक छेतर’ बिस्तार :- भासा केर दांइजे छेतर’ बिस्तार केर मतलब जन-जन भउग’लिक छेतर’ मेंहेन उ भासा टाके कह’इआ बस’बास कर’एँला, इआनि पाउआएँला, उटाके कन’ भासा केर छेतर’ मानल जाएला। आर बिस्तार केर मतलब सइभता आर संसकिरिति केर बिकासेक संगे-संगे मानव समाज मेंहेन बहुत पुरना समइले ढेइर रकमेक बिकास हतके आहे।

बिसेस कइर कहन आइज केर बेसबिकरन जुग मेंहेन इटा बेसी भाभे हए लाइग आहे। इ रकम एसन समइए एक टा भासी कए एक कार’ने एकटा भउग’लिक छेतर’ चाहे कहे पारी कि उ भासा टाक जनम थान ले अइन’ छेतर’ मेंहेन जाएला जेकर कार’ने उ भासा टाक छेतर’ बिस्तार हएक टा सभाबिक काथा हेके।

Panchpargania Bhasa Ka Kshetra Vistar

काहेकि कन’ भासाइक समुदाए चाहे कन’ लग आपन जनम थान ले अइन’ जाएगा जाएला त’ उ जिएक खाएक तेंहे ना किबल आपन संसाधन लेजाएला बलकि आपन मातरिभासाउ संगे-संगे लेजाएला। उ जाहाँ नाउआ जाएगा जाएला हुंआउ आपन घर परिबार मेंहेन आपन मातरिभासाहिं आपन भाउ बिचार के बेएक्त’ करेला। इ रकम भाभे अकर सइभ्ता, संसकिरितिक संगे-संगे उ भासा टाकर’ नाउआ छेतरक बिस्तार ह’ए लागेला।

Table of Contents

पंचपरगनिया / Panchpargania नामकरण के आधार पर क्षेत्र विस्तार

Panchpargania Bhasa Ka Kshetra Vistar :- पंचपरगनिया भासा छेतरिअ भासा ह’एक कार’ने इ भासा टाके कह’इआ देस केर भिनु-भिनु भागे पाउआएँला। इ रकम पंचपरगनिया अन्तर पारांतिअ भासा हेके। पंचपरगनिया भासा टाके झारखंड केर भिनु-भिनु जिलाक अलाउआ बंगाल, आसाम आर उडि़सा मेंहनउ कहल जाएला। एखन तक ल’गेक मने एहे टाइ धारना आहे कि इ भासा टाके किबल राँची जिलाक पाँचपरगना छेतर’ इआनि सिल्ली, बुण्डू, बांड़दा (बारेन्दा), राहे आर तमाड़ छेतर’ मेंहनेइ कहल जाएला।

किन्तु ल’ग मेंहेन इ धारना टा भरम मेंहेन हल रकम बुझातेहे काहेकि एसन ल’ग गिला ‘‘पंचपरगनिया’’ सब्द’ केर जनम चाहे नामकरन ‘‘पाँचपरगना’’ छेतरक आधारे मान’एँला। जबकि पंचपरगनिया सब्द’ केर नामकरन केर आधार समपुरन’ पाँचपरगना छेतर’ मेंहेन रह’इआ भिनु-भिनु जाति समुदाय ले आहे। इ रकम ल’ग मेंहेन एसन धारना कि पाँचपरगना छेतर’ मातर’ मेंहेन कहाइआ भासा टाकेइ सिरिफ पंचपरगनिया कहल जाएला इटा अइगान्ताएँ गलत कह’एँला। पाँचपरगना, ‘‘पंचपरगनिया’’ भासा केर केन्दर’ बिन्दु मानल जाए पाराए किंतु इ भासा टाकेर छेतर’ बिस्तार बड़े एरिया मेंहेन पाउआल जाएला।

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar|पंचपरगनिया भाषा का क्षेत्र विस्तार| पंचपरगनिया भाषा के क्षेत्र विस्तार के संबंध में विद्वानों का मत

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- पंचपरगनिया भासा केर संबंधे भिनु-भिनु बिदुआन गिलाक का मत आहे देखल जाउक –

डाॅ॰ उदय नारायण तिवारी जी के अनुसार :-

डाॅ॰ उदय नारायण तिवारी जिक अनुजाइ – “राँची जिले के पूर्वी क्षेत्र सिल्ली, बुण्डू, सोनाहातु, तमाड़ एवे राहे को पाँचपरगना कहते हैं यहाँ की बोली पंचपरगनिया है।”

डाॅ॰ ग्रियर्सन जी के अनुसार :-

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- डाॅ॰ ग्रियर्सन जी केर बिचार-“पूर्वी मगही का यह रूप जो पाँच परगना में बोला जाता है, पंचपरगनिया के नाम से ख्यात है। तमाड़ में अधिक प्रचलन होने के कारण इसे तमडि़या भी कहा जाता है। एकर बादे डाॅ॰ विश्वनाथ प्रसाद आर डाॅ॰ सम्पति आर्याणी उमरउ डाॅ॰ ग्रियर्सन केर इ मत टाक पुस्ट’ करलंए।

डाॅ॰ विसेश्वर प्रसाद केशरी जी के अनुसार

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- डाॅ॰ विसेश्वर प्रसाद केशरी जी उमन आपन किताब ‘‘नागपुरी भाषा: उद्गम और विकास’’ केर पात संइखा 14 मेंहेन 1961 ई॰ केर जनगनना केर आधारे तमडि़या कह’इआ ल’गेक संख्या 5043 देखाए आहएँ।

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विद्वानों के मतों का विवेचन

किंतु जनगनना मेंहेन तमडि़आ कह’इया अलग से गनति करले ल’ग मेंहेन भरम हतेहे कि तमडि़आ तमाड़ छेतर’ (परगना) केर एकटा अलग भासा हेके जेटा पंचपरगनिया ले अलग आहे। आसल काथा इटा हेके कि पाँचपरगना मेंहेन तमाड़ परगना टा सउबले बड़े परगना हएक कार’ने भरमबस ल’ग पंचपरगनिया टाकेइ कबउ-कबउ तमडि़आ चाहे तामडि़आ क’हत र’हेन। इटाक जिकिर नामकरन संबंधी खेजा (भाग) मेंहेन पहिले करल आहे।

इ रकम ‘तमडि़आ’ सब्द’ केर आलेदा बेब’हार उचित नी बुझातेहे। इ रकम डाॅ॰ उदय नाराण तिवारी, डाॅ॰ ग्रियर्सन, डाॅ॰ विश्वनाथ प्रसाद आर डाॅ॰ सम्पति आर्याणी जेसन नामक’रा बिद्वान गिला पंचपरगनिया के ना किबल पाँचपरगना तके समटि देलएँ बल्कि एके अइन’ भासाक उपभासाउ कइ देलएँ।

डाॅ॰ श्रवण कुमार गोस्वामी जी का विचार

डाॅ॰ श्रवण कुमार गोस्वामी जी आपन किताब ‘‘नागपुरी भाषा’’ केर पात संइखा 24 मेंहेन डाॅ॰ ग्रियर्सन जी केर कथन-‘‘पाँचपरगना में बोली जानेवाली बोली पूर्वी मगही का ही एक रूप है, जो पंचपरगनिया के नाम से जानी जाती है।’’ केर खंडन करत के लिख आहंए-‘‘इस मान्यता के साथ भी यही कठिनाई है कि मगही का विशेष प्रभाव पंचपरगनिया पर कैसे पड़ सकता है.

जबकि वह क्षेत्र पूर्व की ओर पुरूलिया (प॰ बंगाल) से सटा हुआ है और उत्तर -पश्चिम की ओर राँची से। ऐसी दशा में पाँचपरगना में मगही कैसे हनुमान कूद लगा सकती है? वस्तुतः पंचपरगनिया नागपुरी की एक विभाषा है, मगही नहीं।’’ इमने केरे आर’ कथन देखा-पंचपरगनिया उस बोली का नाम है जो राँची जिले के बुण्डू, तमाड़, सोनाहातु, राहे तथा सिल्ली परगने में बोली जाती है।

डाॅ॰ विसेश्वर प्रसाद केशरी जी का विचार

फेइर नागपुरी केरे नामकरा बिदुआन डाॅ॰ विसेश्वर प्रसाद केशरी जि आपन किताब ‘‘नागपुरी भाषा साहित्य’’ केर पात संइखा 14 मेंहेन पंचपरगनियाक संबंधे इ रकम लिख आहएँ- “मानभूम सिंहभूम के पश्चिमी भागों में बंगला प्रभावपन्न नागपुरी बोली जाती है। इसे ही पंचपरगनिया कहा जाता है। यह बोली राहे, बुण्डू, तमाड़, सोनाहातु, सिल्ली (राँची जिला) से ही आरम्भ हो जाती है। इसका विस्तार वर्तमान पश्चिमी बंगाल के झालदा पुरूलिया तक दृष्टिगत होता है।”
फेइर पात संइखा 44 मेंहेन लिख आहंए “इसका विस्तार उत्तर पूर्व में देवघर तक है जहाँ भवप्रीतानन्द जैसे लोक कवि ने इसका श्रृंगार किया है।”

विद्वानों के मतों का विवचन

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- उपरेक ज’तनाइ नामकरा बिदुआन गिला पंचपरगनिया भासाक संबंधे जेसन बिचार दे आहंए उटाक आधारे एसन बुझातेहे कि इमन आपन भासाक छेतर’ बिस्तार करेक भुख मेंहेन भुखाए जाए आहएँ। सउब बिदुआन गिला पंचपरगनिया भासा टाके लुटा – पाटा कर’तहएँ। लुटा-पाटा हएक टा सभाबिक काथा हेके काहेकि कन’ चीज बस्तु केर मालिक नि र’हले अकर मालिक सउब काइ बने खज’एँला तेसने पंचपरगनियाक संगउ हलक। से समइए पंचपरगनिया भासाक परतिनिधित्व करने आउला केउ नी रहेन अहे तेहें उ समइएक बिदुआन सउब बिना बिचार कइर कहने/खने एके आपन भासाएं मिलाएक अ’सफल तेस्टा करलएँ।

डाॅ॰ उदय नारायण तिवारी जि एके भोजपुरी केर रूप कहलएँ आर एकर छेतर’ बिस्तार मातर’ पाँचपरगना तके समटि देलएँ। डाॅ॰ ग्रियर्सन जेसन महान बिदुआन जे भारत केर छटे-बड़े 364 टा भासा/बोली केर सरबेछन कइर आहंए, इमन पंचपरगनिया के मगही केर रूप कइ देलएँ आर तामाड़ केर भासा कइकहन इके सिकुड़ कइर देलएँ। आर त’ आर झारखंड केर नागपुरी भासा केर’ बिदुआन गिलाउ पंचपरगनिया के नागपुरी संग मेसाएक तेस्टा करलएँ।

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- हालांकि डाॅ॰ श्रवण कुमार गोस्वामी जी आर डाॅ॰ बिसेश्वर केशरी जी पंचपरगनिया भासाक छेतर’ बिस्तार बड़े आहे सेटा माइन आहएँ। किंतु पंचपरगनिया के नागपुरी केर बिभासा आर बंगला परभावपन्न नागपुरी कइ देलएँ जेटा उचित नी बुझातेहे।

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- काहेकि पंचपरगनिया आर नागपुरी भासा केर ना किबल उचार’निक, सब्दक गढ़न, बाइक रचनाक गढ़न, भासिक बिसेसता, बेआकर’निक संरचना, आकिरतिगत संरचना, रूपगत संरचना एमाइन मेंहेन अन्तर आहे बल्कि इ दइअ छेतर’ केर संसकिरिति, गितेक सुर, ताल, लय, बाज-बाजना, रहन-सहन, भेस-भुसा, पारमपरिक नाच, संस्कार एमाइन सउब अलग-अलग आहे त’ केसे पंचपरगनिया नागपुरी केर रूप भेद चाहे बिभासा हए पारे? एकर अलावा डाॅ॰ केशरी जी ख्ुादेइ कह’तंहएँ कि पंचपरगनिया मेंहेन बांगलाक लसिंद बेसी आहे त’ फेइर एके नागपुरी संग जड़ना टा आपन भासाक (नागपुरी) छेतर’ बिस्तार करेक भुख मातर’इ हेके रकम बुझातेहे।

प्रो॰ केशरी कुमार सिंह जी का मत

प्रो॰ केशरी कुमार सिंह जी, डाॅ॰ उदय नारायण तिवारी आर डाॅ॰ ग्रियर्सन जी केर मत – कि पंचपरगनिया भोजपुरी आर मगही केर रूप भेद हेके, केर खंडन करत के लिख आहंए कि ‘‘ पंचपरगनिया पर एक विहंगम दृष्टि डालने पर भी मालूम हो जायेगा कि उस पर मगही तथा भोजपुरी का प्रभाव और कम हो जाता है तथा बंगला का किंचित प्रभाव आ जाता है। इसी मिश्रित नागपुरीया का नाम पंचपरगनिया है।’’ (नागपुरी भाषा और साहित्य, पात संइखा 10)

विद्वानों के मतों का विवचन

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- इ रकम प्रो॰ केशरी कुमार सिंह जी आर डाॅ॰ बिसेश्वर केशरी जी खुदेइ फ’रिच कइर देलएँ कि बंगला मिलल नागपुरी, पंचपरगनिया हेके। इ रकम इमन पंचपरगनिया भासा के आलेदा चिन्हाप खुदेइ देलएँ। प्रो॰ केशरी कुमार सिंह जि, इटाके पुस्ट’ करलएँ कि पंचपरगनिया मेंहेन मगही आर भोजपुरी केर लसिंद टा कम आहे आर बंगला केर लसिंद टा बेसी आहे। इ रकम बंगला केर लसिंद टा बेसी हएक टाइ पंचपरगनिया भासाक आलेदा चिन्हाप हएक एकटा बड़े आर नामकरा कारन हेके।

इटा नागपुरी मेंहेन नेखे। इटाक परमान डाॅ॰ करम चंद्र अहीर जि उमनउ आपन सध परबंध ‘‘पंचपरगनिया भाषा का व्याकरणिक अध्ययन’’ मेंहेन कइर आहंए।
बासत’बिक काथा इटा हेके कि मगही, भोजपुरी, मैथिली, नागपुरी एमाइन अइन’ बिहारी भासा गिलाक रकमे पंचपरगनिया मेंहनउ आंसिक लसिंद मागधी अपभरंस केर हए आहे (किंतु बेसी लसिंद बांगला, उडि़या आर हिंआक जातिगत भासाक आहे)। इ भाभे उपरेक भासा गिलाएँ तनिक आधेक समानता ह’बे करि। किंतु तनिक आधेक समानताक आधारेइ पंचपरगनिया के उपरेक भासा गिलाक बिभासा कहना टा भुल काथा ह’इ।

इ रकम पंचपरगनिया पाँचपरगना, बंगाल केर किछु भाग, मानभूम, सिंहभूम, झारखंड संग सटल उडि़साक किछु जिला, आर आसाम जाहाँ झारखंड केर पाँचपरगना छेतर’ ले कामाए खाएक तेहें जाए आहेन सेइ ल’ग गिला केर समपरक’ भासा हेके।

जोतिलाल माहादानी जी का मत

इटाक संबंध मेंहने जोतिलाल महादानी जि केर कथन के देखा जेटा आदिबासी पतरिका मेंहेन छापाए र’हे, किंतु एखन नुपूर किताब मेंहेन पात संइखा 20 (अनु. डाॅ॰ अम्बिका स्वाँसी) मेंहेन संकलित करल आहे-‘‘पाँच परगना केर ब’ली पाँच परगना केर अलावा पुरूलिया, सिंहभुम केर पुरबी भाग एवंग’ आर’ जाएगाय’ ब’लल जाएला। इके टाँइड़ राजिया ब’लिय’ कहल जाएला। पाँच परगना छेतर’ माहान कुरमाली आर मेसाल बांगलाउ बलल जाएला।’’ इ रकम महादानी जी उ समइएक धारना अनुजाइ पंचपरगनिया के ब’लि कहलंए जेटा आघु जाए के भासा क’हालक।

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Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- पाँचपरगना समेत एकर बिसतिरित छेतर’ मेंहेन जेसन पुरूलिया, सारइकेला खरसंवा, सिंहभुम केर पुरूब छेतर’, धनबाद, बोकारो एमाइन छेतर’ मेंहेन मेसाकसा बांगला कहेनला। इ मेसा कसा बांगला टा पंचपरगनिया केरे देन हेके चाहे अंग हेके।

देखा जोतिलाल जी केरे किताब नुपूर मेंहेन पात संइखा 20 (अनु. डाॅ॰ अम्बिका स्वाँसी) मेंहेन का कइ आहंए- मेसाक’सा बांगला पुरूलिया, धनबाद, सिंहभुम आर पांचपरगना माहान समान भावे कहल (ब’लल) जाय ला। मेसाक’सा बांगला टाके ल’क ‘‘मानभुमिया बांगलाउ कहेन ला। पांचपरगना रांची जिला माहान इसथित आहे। हलउ सइभ’ता आर संसकिरति पुरूलिया लेक घनिसट’ता राखेला।

हिंआ धेआन देक बात हेके कि बांगला के मेसाक’सा करेक वाला पंचपरगनियाइ हेके।इटाक पेछुएं ढेइर किसिम केर ऐतिहासिक आर भउग’लिक कारन’ आहे। सउब जानिला कि बांगाल ले छ’टानागपुर जन ल’क गीला आय आहंए मानभुम हय कन आय आहंय।

इ ल’क गीला मानभुम आर सिंहभुम केर पुरूब छेतर’ एबंग’ पंाचपरगना माहान बइस गेलंए आर पंचपरगनिया करे साथ आपन भासा बांगला टाके मेसाए लागलंय। एहे रकम बांगला भासा हिंआ मेइस कन पंचपरगनिया केरेइ एकटा अंग’ बइन कन रइ गेलक। जदि इटा के बांगला परच’लित पंचपरगनिया कहले कन’ द’स नाइ हइ।’’

जोतिलाल महादानी जी के मत का विवेचन

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- इ रकम जोतिलाल महादानी जि केर लिखल आलेख केर आधारे आपने फरिच ह’तेहे कि पुरूलिया, सारइकेला, खरसंवा, सिंहभुम, धनबाद आर पाँचपरगना छेतर’ मेंहेन मेसा कसा बांगला कहल जाएला जेटा पंचपरगनिया केर अंग हेके। एबार सवाल उठ’ तेहे कि पंचपरगनिया बांगला संग केसे मेसलक, केसे लसिंद पालक आर मेसा क’सा बांगला बनलक? इटाक पेछुएं ढेइर किसिम केर ऐतिहासिक, सांसकिरितिक आर भउग’लिक कारन आहे।

पंचपरगनिया में बांगला भाषा मिश्रण के कारण

इतिहासिक कारण

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- पंचपरगनिया मेंहेन बंगला केर बेसी लसिंद केसे आहे इटाक पेछुएं एकटा एतिहासिक कहनी आहे जेटाक जिकिर प्रो॰ परमानंद महतो जी आपन किताब ‘‘पंचपरगनिया भाषा’’ मेंहेन पात संइखा 43, 44 मेंहेन हिन्दी भाषाएं कइर आहंए। उटाक अनुवाद इ रकम आहे- ‘‘11 वीं सदी मेंहेन बंगाल केर राजा बल्लाल सेन रहएँ। उमन नामक’रा राजा रहएँ। अकर मरल बादे अकर बेटा लखन सेन हुंआक राजा बनलक।

लखन सेन के जलाल-उद्दीन लड़ाइए लइड़ कहन हारालक आर उकर राइज केर सउब ल’ग के जबरन मुसलमान बनाए लागलक। तखन अकर राइजेक ल’ग इज्जत केर डरे आर आपन धरम केर रइखाक तेहें बंगाल ले पाराए कहन मानभूम बाटे आए के ब’सलएँ। पहिल मानभूम पाँच परगना केर भितरे आत रहे। एखन हालेइ इ छेतर’ टा अलग हए आहे आर पुरूलिया जिला बइन आहे।

बंगाल ले पाराए आउल ल’ग पाँचपरगना केर सिल्ली, बुण्डू, सोनाहातु, राहे, तमाड़ आर सिंहभूम केर इलाकाएं आए कहन बसलएँ। पाँच परगना आल बादे उमन केर भासा हिंआक भासा संग मेसे लागलक आर उमनकेर भासा बंगला, हिंआक भासा पंचपरगनिया संग मेइस कहन बिकिरित (बगड़ी) हए गेलक।’’ इ रकम भाभे पंचपरगनिया मेंहेन बंागलाक लसिंद बेसी हए लागलक।

चैतन्य महाप्रभु जी का बुण्डू आगमन (धार्मिक कारण)

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- एकर अलावा चइतन महापरभु जी किस्न’ भक्ति केर परचार करेक तेहें जखन पाँचपरगना आए रहेन तखन उमन पाँचपरगना केर हरेक इलाका मेंहेन घुइर-घुइर कहन किसन’ भक्ति केर परचार परसार बांगला भासा मेंहनेइ कइर रहंए। एसन मानल जाएला कि चइतन महापरभु जी पुरी लेक मथुरा जात के 1522 ई॰ मेहेन बुण्डू आए रहेन। हिंआ अनेक दिन रूइक र’हेन आर राधाकिसन’ केर भजन किरतन क’रत र’हेन। एखन’ हर साल हिंआ भजन किरतन ह’एला। उमन केर धरम परचार केर परभाव एतना बेसी हए गेलक कि से समइएक हिंआक कबि सउब’ बांगला भासाहिं गित रचना करे लागलएँ। से समइएक गित बांगला भासाहिं एखन’ लगेक जनकंठे पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलते आतेहे।

विवाह-शादी होने का कारण

एकर अलावा हिंदेक लग केर, बांगाल बाटेक ल’ग संग कुटुम ज’ड़ा-ज’डि़ इआनि बिहा-सादि बहुत पहिल ले क’रतके आत’हएँ सेटाक तेहें भासा केर मिलेक टा सभाबिक काथा हेके।

कारणों का विश्लेषण

इ रकम ढेइर एसन कारन आहे जेगिलाक तेहें पंचपरगनिया मेंहेन बांगलाक लसिंद बेसि देखाएला आर कहल जाए पाराए कि पंाचपरगना, पुरूलिया, मानभुम, सिंहभुम केर पुरब बाटे जन भासा (टाँइड़ बांगला) केर बेब’हार करल जाएला उटा पंचपरगनिया केरे रूप हेके।

पंचपरगनिया क्षेत्र विस्तार के संबंध में डाॅ॰ करम चन्द्र अहीर जी का कथन

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- पंचपरगरिया भासा टा मातर’ पाँचपरगना तके नाहिं बल्कि एकर कह’इआ पांचपरगनाक बाहिरउ आहएँ। इटाक संबंध मेंहेन डाॅ॰ करम चन्द्र अहीर जी आपन किताब ‘‘आदर्श पंचपरगनिया व्याकरण’’ केर भुमिका पात मेंहेन का कइ आहंए उमनेकेरे सब्दएं देखा- ‘‘पंचपरगनिया भाषा खूँटी, नामकुम (राँची), झाइलदा, बाघमुंडी (पुरूलिया, पं॰ बंगाल), ईचागढ़, चाण्डिल, गम्हरिया, कुचाई, खरसावाँ (सरायकेला-खरसावाँ) सोनुवा गोइलकेरा, मनोहरपुर (पश्चिमी सिंहभूम), जमशेदपुर (पू॰ सिंहभूम), राउरकेला, बनईगढ़ (उड़ीसा) इत्यादि छेत्र माइनोउ कहल जायला।

बसिया, कुरडेग, सिमडेगा बाटे (सिमडेगा जिला) इटाके सदरी भाषा रूपे जानल जायला। तेजपुर, रंगिया, रांगापाड़ा (दरांग जिला, आसाम) माहनोउ पंचपरगनिया बोलनेवाला आहयँ। इकर आलावे पश्चिमी सिंहभूम माहान बिसेस कइर के मछुवा जाति केर लोग मयूरभंज, क्योंझर (उड़ीसा) माहान रउतिया जाति केर लोग जाहांई झुंड़े-पाते आहयँ, पंचपरगनिया बोलयँला।’’

पंचपरगनिया भाषा विकास समिति का क्षेत्र विस्तार संबंधि अनुसंधान

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- बरत’मान मेंहने जबे ले पंचपरगनिया भासाक पठन-पाठन सुरू ह’लक तबे लेक पंचपरगनिया भासा पेरेमि केर निजेक ख’ज आर 1982-1983 मेंहेन ‘‘पंचपरगनिया भाषा विकास केन्द्रीय समिति’’ केर गठन हल बाद ले छेतर’ बिस्तार संबंधी अनेक र’कम केर अनुसंधान करल गेलक, जेगिलाएँ मुइख रूपे डाॅ॰ करम चन्द्र अहीर जी आर जोतिलाल महादानी जी केर छेतर’ बिसेस मेंहेन घुइर-घुइर कहन करल काम गिला आहे।

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- इटाक जिकिर प्रो॰ परमानंद महतो जी आपन किताब ‘‘पंचपरगनिया भाषा ’’ केर तिरतिअ अइधाए मेंहेन कइर आहएँ। इमन केर रिप’ट इ रकम आहे- महादानी जि ‘‘पंचपरगनिया भाषा विकास समिति बुण्डू’’ के एकटा रिप’ट मेंहेन कइ आहएँ कि पंचपरगनिया भासा केर बिसतार देवघर तक आहे। आर इ काथा टाके डाॅ॰ बिसेश्वर प्रसाद केसरी जी उमनउ सइकार कइर आहएँ। जेटाक जिकिर पहिल’ करल आहे।

डाॅ॰ करम चंद्र अहीर जी का रिपोर्ट

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- इमन ‘‘पंचपरगनिया भाषा विकास समिति बुण्डू’’ के एकटा रिप’ट मेंहेन क’इ आहएँ कि ‘‘मएँ सिंहभुम केर किछु गांव मेंहेन घुरलं, हिंआक ब’लि ना त बांगला हेके, आर ना उडि़आ हेके, हिंआक ल’क-गित, ताल आर ल’ए एकदमे अ’हे टाइ हेके जेटा बुण्डू, तमाड़, सिल्ली, सोनाहातु मेंहेन चलेला। हिंआक रिति-रिबाज असने आहे। हिंआक ब’लि उडि़आ मिलल पंचपरगनिया हेके।

एकर अलाउआ इमन हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, आर पुरूलिया जिला केर किछु गांउ आर सिंहभुम बाटेकेर’ गांउ घुइर रहएँ। हुंदेक ल’ग संग बात-चित क’रलएँ, ल’क गित केर बारे चरचा करलएँ त’ पालएँ कि हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो केर अनेक क’इला खादाने पंचपरगनिया भासा क’हने आउला बहुत बेसि संइखाए आहएँ। इ ल’ग गिला पांच परगना बाटे लेइ जाएकहन ढेइर साल ले हुंआ काम कर’तेहेन, ढेइर लग त’ हुंदे इस्थाइ रूपे ब’इस जाए आहएँ। इमन आपन टाके पंचपरगनियाइ कहएँला। इमन केर भासाउ पंचपरगनियाइ हेके।

डाॅ॰ अहीर जी का अगला रिपोर्ट

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- डाॅ॰ अहीर जि केर आगला रिप’ट मेंहेन सिंहभूम केर आसे पासेक छेतर’केर जिकिर आहे। इ छेतर’ भरमन इमन 7 अपरेल 1985 इसबि (पंचपरगनिया भाषा पात संइखा-34) मेंहेन कइर रहंए। जेटाएं इमन डुमरिआ परखंड ले आघु करिब पाँच-छ’ किल’मिट’रेक धुरे एकटा गांउ ‘भालुक पातड़ा’ आहे, हुंआ एकटा हाइ इस्कुले ‘‘पंचपरगनिया गोष्ठी’’ र’हे सेटाक जिकिर कइर आहएँ। हिंआ राइत भर सांसकिरितिक कारज’करम चइल र’हे। इ कारज’करम केर आधारे पाता चल लक कि हुंआ मुइख रूपे दुइ रकम केर भासा कहएँला- संथाली आर उडि़आ मिलल पंचपरगनिया।

उडि़या मिलल पंचपरगनिया टा गेर आदिबासिक भासा हेके आर संथाली संथाल केर। इ कारज’करम टांए गेर आदिबासि सउब ज’तनाइ गित गितकाए रहएँ उगला सउब पाँच परगना बाटेक र’कमे र’हे। एकर अलावा इमन अइन’ गांउएक (कुइलीसुता, टेटेवादिया, पारूलिया, बनकट्टी, नरसिंह बहाल, केंदुआ एमाइन) ल’ग संग बात-चित करलएँ त’ पाता चल लक कि हुंदेक ल’गेक रहन-सहन, सामाजिक बेब’स्था, रिति-रिबाज, परब तिहार, धरम एमाइन पांच परगना छेतर’ ले अलग नेखे। किबल उमन जेसन काथा कह’एँला उटाएँ उडि़आक लसिंद टा बेसि आहे।

डाॅ॰ अहीर जी का अगला रिपोर्ट

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- डाॅ॰ अहीर जि केर अगला सरबेछन 20 मइ 1985 ले 30 मइ 1985 तक रहे जेटाएँ इमन उडि़सा केर सुन्दर गढ़ जिलाक भरमन कइर रहएँ। हिंआ इमन दुइ टा सबडिबिजन बनोइगढ़ आर पानपोस केर ढेइर गांउ मेंहेन भासा सरबेछन कइर रहएँ जेगिला मेंहेन मुइख रूपे – राजामुंडा, मिसरपाली, पुरनापानो, टाइकोड़ा, बरसुआ, डेंगुड़ा, गोंड़तंत्रा, खंडाधार, समरदारही, ताल बहाड़ी, सालईडीह, कचुपाड़ा, गौतमडीह, ठियाबेरना, कुवापोड़ा, शंखपइस, कोरेयाडीह, लोमसी, लोंदापोड़ा, गोपना, हाथीकुचा, बांदगोड़ा, डांगरपाली, टिन्कु, बन्दुकडेरा, जाड़ालइ, माचाबेड़ा, लोहनीपाड़ा, जामदरहो, तुम्बई, धरनीपुर, बनइकेला, श्रद्धापुर, गर्जन, बिरवाल, जलड़ा, कंसर, गोडि़या टोली, बाण्डामुण्डा एमाइन गिला हेके।

इमन रिपोट मेंहेन कइ आहएँ कि हिंदेक लगेक भासा उडि़या मिसरित पंचपरगनियाइ हेके आर इमन केर संसकिरति, गित, सुर, ताल अहे गिलाइ हेके जेगिला पाँच परगना छेतर’ मेंहेन आहे ।

एकटा सं’हर’इ गित देखा –

ख’जा ख’ज’इते आलि, पुछा पुछ’इते आलि
मानुआ कर घर कति धुर ? आनगाहि आहे भाला
तुलसी कर पींढ़ा ह’……………………………..।

पंचपरगनिया गीत

सारांश

Panchpargania Bhasa Ka Best Kshetra Vistar :- उपरेक बिबेचन केर आधारे कहल जाए पाराए कि पंचपरगनिया भासाक छेतर’ बिस्तार पाँच परगनाक आलाउआ उडि़सा केर राउरकेला, बनईगढ़, म्युरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़, बामड़ा, पानपोस, जांजपुर एमाइन आर पछिम बांगाल केर झाइलदा, बाघमुंडी, पुरूलिया, झारखंड मेंहेन पाँच परगनाक आलाउआ खूँटी, नामकुम, ईचागढ़, चाण्डिल, गम्हरिया, कुचाई, खरसंउआ, गोइलकेरा, मनोहरपुर, जमशेदपुर, मुसाबनी, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह एमाइन छेतर’ मेंहेन अइन’ भासाक संगे – संगे पंचपरगनिया भासाक बेब’हार संपरक’ भासाक रूपे करल जाएला। एकर अलाउआ आसाम केर दारांग, तिनसुखिया एमाइन जिला मेंहनउ इ भासा टाके बिरहत रूपे कहल जाएला।


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