पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ |Panchpargania Bolne Wali Jatiyan

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पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ |Panchpargania Bolne Wali Jatiyan:- भासा केर नज’इरे पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ केर मतलब इ भासा टाके कह’इआ भिनु-भिनु जाइत गिला ले आहे। पंचपरगनिया पाँच परगना छेतर’ मेंहेन बिसेस कइर कहन कहल जाएला जाहाँ अनेक रकम केर भिनु-भिनु छटे-बड़े जाइत गुजर-बसर कर’एँला। इ छेतर’ केर कन’-कन’ एरिआ/छेतर’ मेंहेन एसन’ देखे पाउआएला जाहाँ एकेटा घरे एकटा ले बेसि भासाक बेब’हार कर’एंला।

Panchpargania Bolne Wali Jatiyan

इटा सभाबिक काथा हेके काहेकि इ छेतर’ मेंहेन रह’इआ भिनु-भिनु जाति समुदाए केर आपन जातिगत भासाउ आहे। किंतु हाट-बाजार आर एक जाइत ले द’सर जाइत संग समपरक’ क’रेक तेहें समपरक’ भासाक रूपे पंचपरगनिया केरे बेब’हार करल जाएला। इ रकम भाभे पंचपरगनिया भासा संसकिरिति आर एकर ल’क साहित केर धर’हर हिंआ बस’-बास कर’इआ भिनु-भिनु जाइत गिला हेकएँ।

पाँच परगना क्षेत्र में पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ |Panchpargania Bolne Wali Jatiyan

पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ :- पाँच परगना छेतर’ मेंहेन बस’-बास कर’इआ सभे जाइत पंचपरगनिया कह’एंला, जन जाइत गिलाक आपन भासा आहे उमनउ समपरक’ भासाक रूपे पंचपरगनियाक बेब’हार कर’एँला। पाँच परगना छेतर’ मेंहेन बस’बास कर’इआ किछु जाइत केर नाम इ रकम आहे-

पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ
पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ

पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ :- राजपुत, अहीर, पाँड़, घासी, लोहरा, तेली, कुम्हार, महली, सूंड़ी, ब्राह्मण, गौसांई, अड़ेया, नउवा, मुंडा, कोइरी, डोम, कामार, कुड़मि, सोनार, ठेठरा, हलुवाई (मोदक), माँझी, केवटा, बिरहोड़, चामार, हाड़ी, गोंड़, सराक, भगत, तामली, केसरा, माल्हार, खंडित, मंडल, घासी, जोगी, बनिया, धोबी, रउतिया, चीक बाड़ाइक, कायस्थ एमाइन आर’इ छटे-बड़े जाइत जेगिला पाँचपरगनाएं बस’बास कर’एंला उमन पंचपरगनिया भासाक बेब’हार कर’एँला।

सम्पर्क भाषा के रूप में पंचपरगनिया / Panchpargania

पाँचपरगना छेतर’ मेंहेन किछु एसन’ जाइत आहंए जेगिलाक एखन’ आपन जातिगत भासा आहे जेसन- कुड़मि, केर कुड़मालि, मुड़ा केर मुंडारी, नउआ केर उडि़या परभावित बांगला, तामली केर बंगाली, उराँव केर कुँड़ुख, अ’ड़ केर अ’ड़ेआ। किंतु जखन इमने अइन’ भासा भासी संग बातचीत कर’एंला तखन पंचपरगनिया केरे बेब’हार कर’एंला। इ रकम भाभे पंचपरगनिया आदिबासी आर गेर आदिबासी केर बीच सम्परक’ भासा इआनि कड़ी (जड़ेक) केर काम करेला।

पाँचपरगना क्षेत्र की वैसी जातियाँ जिन्हे अपनी जातिगत भाषा नहीं पता है

पाँच परगना छेतर’ मेंहेन बस’बास कर’इआ किछु जाइत त’ आपन जाति भासा के भुलिअ जाए आहंए, बिसेस कइर कहन मुड़ा जाइत जे गिला सिल्ली, सोनाहातु, राहे, बुंडू आर तमाड़ केर पुरब छेतर’एं रहंएला। एकर अलाउआ तमाड़ बाटे रह’इआ उराँव जाइत गिलाउ आपन भासा कुँड़ूख नि कहंएला।

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इ एरियाएं बस’बास कर’इया मुण्डा आर उराँव जाइत गिला संग बातचीत करले इ काथा टा पुस्ट’ हए जाएला। इटाक परमान पंचपरगनिया केर परथम गइदकार जोतिलाल माहादानी जी आपन लेख ‘‘मुण्डा गिला केर छेतर’ धरमपुर’’ मेंहेन इ छेतरक मुण्डा भासाक संबंधे लिख आहंए- ‘‘आपन भासा मुण्डारी के त’ लगभग भुइल जाए आहंए।’’

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पंचपरगनिया बोलने वाली जातियाँ

पंचपरगनिया / Panchpargania बोलने वाले अन्य धर्म समुदाय

उपरेक जाइत गिलाक अलावा पंचपरगनिया भासि मुसलिम, सिख आर किरिस्चन समुदाय गिलाउ हेक’एँ। इ छेतर’ मेंहेन बस’बास कर’इआ मुसलिम, सिख, किरिसचन एमाइन गिला आपन मातरिभासा ना कइक’हन पंचपरगनियाइ बेब’हार कर’एँला।

सारांश

इ रकम उपरेक कहल बिबेचनाक आधारे कहल जाए पाराए कि पंचपरगनिया भासा पाँच परगना छेतर’ मेंहेन बस’इआ सभे छटे-बड़े जाइत (आदिबासी चाहे गेर आदिबासी) सहित भिनु-भिनु धरम (हिन्दु, मुसलिम, सिख, इसाइ एमाइन) के मान’इआ ल’गेक समपरक’ भासा हेके।


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