पाँच परगना और पंचपरगनिया में अंतर (तफाइत) | Panch Pargana Aur Panchpargania Me Antar

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Panch Pargana Aur Panchpargania Me Antar/ पाँच परगना और पंचपरगनिया में अंतर (तफाइत) :-

पाँच परगना (Panch Pargana) और सिबुबारात

छ’टानागपुर केर बन झाड़ मेंहेन ‘‘पाँचपरगना आर पंचपरगनिया’’ सबद’ केर बहुत महत आहे । ‘‘पाँचपरगना’’ एकटा इलाका बिसेस जेटा झारखंड केर राजधानी राँची केर पुरूब बाटे आहे । इ इलाका टा हेके – सिल्ली, बुंडु, बारेन्दा (बांड़दा), राहे आर तामाड़ । इगलाके छ’टे सबदएँ ‘‘सिबुबारात’’ नामे जानल जाएला आर एहे इलाका टाकेइ मुल रूपे पाँचपरगना नामे जानल जाएला ।

विद्वानों के अनुसाार परगना

बिदुआन केर मत हेके कि ‘‘परगना’’ सब्द’ टा पुरना जमानाएँ एकटा परसास’निक इकाइ केर रूपे र’हे जेटा दिल्ली सलत’नत काल 1206 इसबि ले 1526 इसबि केर मांझे बेसि चलन मेेंहेन रहे आर मुगल काल मेंहनउ चलते रहलक । दिल्ली सलत’नत सुबा मेंहेन, सुबा सिक मेंहेन, सिक परगना मेंहेन आर परगना गांउ मेंहेन बांटल रहे ।

पाँच परगना (Panch Pargana) के विभिन्न नामों का ट्रिक्स के आधार पर जानकारी

इ रकम पाँच परगना केर मतलब पाँच टा परसासनिक इकाइ इआनि सिबुबारत ले आहे । सि- ले सिल्ली, बु- ले बुंडु, बा -ले बांड़दा (बारेन्दा), रा -ले राहे आर त- ले तमाड़ हएला । एखन इ परगना गिलाके सिल्ली, राहे, अनगड़ा, सोनाहातु, बंडु, तमाड़ आर अंड़कि परखंड (प्रखण्ड) मेंहेन बांट’ल जाए आहे ।

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पाँच परगना (Panch Pargana) का बिस्तार

पाँच परगना दुइ सब्द’ ले मिल कहन ब’इन आहे पाँच आर परगना । ‘‘पाँच’’ केर साधारन अरथ’ चाइर आर छ’ केर मांझेक संइखा हेके किंतु इ छेतरक भासा मेंहेन एकर (पाँच) बिरहत अरथ’ पाँच ले बेसि केर अरथ’क तेहें बेब’हार करल जाएला । इ रकम पाँच परगना केर बिरहतम अरथ’ पाँच परगना ( सिल्ली, बुंडु, बारेन्दा (बांड़दा), राहे तामाड़) आर एकर चाइर’ धारे फइलल छेतर’ ले आहे ।

Panch Pargana Aur Panchpargania Me Antar

इआनि जाहाँ तक केर भासा, संसकिरति, गित, ताल, नाच, रिति – रिबाज, संसकार एमाइन एक रकमेक आहे । पाँचपरगना केर पुरबे बंगला, उतर मेंहेन खोरठा, द’खिने उडि़आ आर पछिम बाटे नागपुरी भासा आर संसकिरति आहे, आर एहे भासा संसकिरतिक मांझे जन इलाका टा आहे अ’हे टाइ पाँचपरगना क’हाएला । इटाएँ कन’ किंतु परनतु नेखे ।

पंचपरगनिया (Panchpargania) संस्कृति

एहे पाँचपरगनाक भितरे जे नाना रकम केर जाइत आहएँ आर इमन आपस मेंहेन एक दसर संग जन भासाएँ गल्फ’ कर’एँला उटाके पंचपरगनिया नामे जानल जाएला । इ इलाका मेंहेन एकटा भिनु रकम केर साझा, इआनि अनेक संसकिरति केर मिलल एकटा खिंचडि़ संसकिरति देखे पाउआएला जेटा के पंचपरगनिया संसकिरति कहल जाएला ।

पंचपरगनिया नामकरण का आधार, के संबंध में विद्वानों का मत

पंचपरगनिया नामकरन केर संबंध मेंहेन बिदुआन एकमत नख’एँ – डाॅ. करम चंद्र अहीर आर प्रो. परमानंद महतो ‘‘पंचपरगनिया’’ नामकरन केर आधार छेतर’ के माइन आहएँ । इमन पाँचपरगना मेंहेन इआ परत’ए ज’ड़ाए कहन पाँचपरगनिया आर एहे टाइ आघु बाइढ़ कहन पंचपरगनिया बइन आहे क’इ आहएँ ।

डाॅ चन्द्र महतो जी के अनुसार पंचपरगनिया का अर्थ

किंतु डाॅ. चन्द्र मोहन महतो जि पंचपरगनिया नामकरन केर आधार छेतर’ के ना माइन कहन इमन पाँचपरगना इआनि जाहाँ तक केर संसकिरति एक रकमेक आहे आर एहे छेतर’ मेंहेन बस’बास कर’इआ भिनु – भिनु जाइत केर जातिअ भासा ले माइन आहएँ । इमन ‘‘पंचपरगनिया’’ सब्द’ केर अरथ’ इ रकम क’इ आहएँ जेसन पंचपरगनिया सब्द’ टाके खेंड़ा करले हएला पंच पर गन इया ।

हिंआ पंच केर अरथ’ चाइर आर छ’ केर मांझेक पाँच अंक टा नाहिं बल्कि पंच माने हामरेक भासाएँ पाँच ले बेसि हएला । पर केर अरथ’ हएला भिनु – भिनु चाहे अलग – अलग । गन केर अरथ’ हएला जन समुदाए चाहे जाति समुदाए । इया भासा सुचक सब्द’ हेके ।

पंचपरगनिया भाषा का बनावट

इ भाभे कहल जाए पाराए कि पंचपरगनिया पांच ले बेसी किसिम केर भिनु – भिनु जाति समुदाय चाहे जन समुदाए केर जाति गत भासाक खिचड़ी रूप हेके । इटा उचित’ बुझाएला । काहेकि पूरना समइए ज’तनाइ जाइत रहएँ उमनकेर आपन जाति गत भासा रहे किंतु एक जाइत केर लग के द’सर जाइत केर लग संग बात चीत करेक मेंहेन बहुत दिक्कत हत रहे। काहेकि एक जाइत केर ल’ग द’सर जाइत केर भासा बुझे नि पारत रहएँ।

किंतु जीबन-जापन करेक तेहंे एक दसर जाइत संग संपरक’ करनाउ जरूरी रहे । तो उमनकेर बीच मेहेंन एकटा नाउआ भाभेक भासाक दाराए संपरक’ हत रहे जेटा अनेक जातिगत भासाक टुटल-जड़ल रूप रहे । एहे भासा टाइ धीरे-धीरे आघु बाढ़लक आर कालान्तर मेहेंन अइन’ देसी बिदेसी ल’ग केर आगमन इ छेतर’ मेंहेन हते गेलक आर उमनकेर भासा टाउ हिंआक भासा संग ज’ड़ाते गेलक जेटा आइज हामरेक पासे अइन’-अइन’ नाम ले ह’ते-ह’ते पंचपरगनिया मेंहेन इस्थापित हए जाए आहे।

सारांश

इ रकम ‘‘पाँचपरगना’’ एकटा बिसिसट’ छेतर’ जाहाँ तक केर संसकिरति, गित केर सुर, लए, ताल, संसकार, रहन – सहन एमाइन एक रकम केर आहे, सेटा केर ब’ध क’राएला । आर एहे छतर’ मेंहेन अनेक जातिगत भासा आर बाहिर ले आउअल भासाक मिसरन ले बनल जन भासाक बेब’हार करल जाएला सेटाके ‘‘पंचपरगनिया’’ कहल जाएला ।


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