Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari 1 हिंआ एक लाइनर केर रूपे देल जातेहे, संगी-साथी त’हरे जदि जे.एस.एस.सी केर तेआरि क’राला, चाहे पंचपरगनिया भासा केर प’ढ़ाइ क’राला त’ निचित रूपे इ एक लाइनर प’इंट गिला काम आइ। आसा आहे तोहरे स’उब लाभ उठाबा
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Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari बरजुराम ताँती
- जनम 1720 इसबि, गाँव – सारजमहातु, थाना- बाघमुंडी, पुरूलिया
- एकटा ताँती परिवारे जनम हए रहे।
- लुगा बुनना पेसा रहे।
- भक्ति केर दुइ टा डहर आहे सगुन आर निरगुन।
- बरजुराम निरगुन डहरे चल’इआ कबि रहएँ।
- इमन केर गीत रचनाए कबीर पंथीक छाप देखाएला।
- इमन केर लेखन सइलि दुइ अरथि जान कहनी रकम आहे।
- इमन के पंचपरगनियाक कबीर कहल जाए आहे।
- इमन कर रचनाएँ रहसबाद आर आइधातमिकबाद साफाइ देखाएला।
- इमन रहसबादी कबि हेकएँ ।
Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari बिनन्द सिंह
- जनम – 1770 इसबि आस-पास, सिल्ली परगनाक राज खानदाने।
- बाप कर नाम – पिरथिबि नाथ सिंह,
- माँए – दुइ माँए मइधे छटे माँएक छुआ रहएँ।
- बिनन्द सिंह परमार बंस केर हेकएँ।
- इमन आठार’ भाइ मइधे सउबले छटे रहएँ।
- इमन गेरूआ लुगा, घेंचाएँ तुलसी माला आर हांथे गुपी जंतर’ सारातखन राखत रहएँ।
- इमन भक्ति धाराक कबि हेकएँ ।
- इमन बइसनब पंथी रहएँ।
- इमन जिब’ने कुआँराइ रहलएँ।
- इमन कर रचल गिते भइनता रूपे बिनन्दिया चाहे बिनन्द सिंह केर नाम पावाएला।
- इमनेके बिनोद सिंह केर नामउ जानल जाएला।
- इमने केर बेसी रचना राधा-किसन’ ले आहे एआनि राधा-किसन’ केर उपासक रहएँ। अहेतेहें किसन’ भक्त कबि कहल जाए आहेन।
- इमन राम भक्ति आर पर’किरतिक गित’ रचना कइर आहएँ।
- इमन केर भासा – पंचपरगनिया, छिन बांगला, कांहु-कांहु बरज ब’लि आर अबध देस केर’ ब’लिक बेब’हार करल जाए आहे।
इमन केर नामकरा आखड़ा बंदना गित हेके:-
श्री गुरू गबिंद पदे करिये उदेइस………….।
अन्य पॉइंट Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankari
- इमन कर गित रचना गिला राजा उपेन्द्र नाथ सिंह देव ‘‘आदि झुमर संगीत’’ मेंहेन 1956 इसबिए छापाए आहएँ। इ किताब टाएँ गउरांग सिंह केर’ रचना आहे।
- इमन कर रचनाए करून रस, बातसइल’ रस, भक्ति रस, भक्ति सिंगार रस देखे पाउआएला।
- इमन के झारखंड केर हरिसचंदर’, मइधजुग केर सुरूज’ आर माहाकबि कहल जाए आहे।
- बिनंद सिंह चातमबाड़ी आए कहन साधु बनलेन आर गित रचना करे लागलेन।
- इमन सुरदास केर डहरे चललएँ।
- इमन मइधजुगीन कबि रहएँ।
- पंचपरगनिया केर सुरदास कहल जाएनला।
- कहल जाएला कि इमनेक मरन हल परे इमनेक सउब सामान (गुभी जंतर’ चाहे एकतारा) के सबटाक संग गाड़ल जाए रहे किंतु घुरि दिन लास टाक संगे इ जंतर’ गिलाउ गाएअब हए गेलक।
Panchpargania Maidhyakalin Sahityakar Best Jankariगउरांग सिंह
- जनम – 1770 इसबि आस-पास(अनुमान केर आधारे), पुरूलिया जिलाक, बाघमुंडी थाना, डाभा बाघमुंडी राज खानदाने हए आहे ।
- इमन अझइदा सिंह केर बेटा रहएँ।
- इमन के राज कुमार केर पदबी देल जाए रहे।
- काम – गित गितकाएक, समाज सुधार, बेइसनब धरम केर परचार।
- इमन चइतन महापरभु आर किसन’ के मानत रहएँ।
- गीत रचना कर सइली पालाबंदी आहे।
- इमन केर नामकरा पाला बंदी छंद – दधि संबाद, कलंक भजन, दसमदसा, दुति संबाद, बाँसि पाड़ा, अभिसार एमाइन हेके।
- काहुँ-काहुँ दारस’निकता केर भाव’ देखाएला।
- इमन केर भासा – पंचपरगनिया, कुड़मालि, बांगला, मुंडारी, हिन्दी आहे।
- इमन केर गिते राधाकिसन’ केर बरनन बेसी भागे देखे पाउआएला।
- इमन गउड़ीए समपरदाए केर परचार करत रहएँ।
- इमन केर गित रचना ‘‘आदि झुमर संगीत’’ (17 टा) देख्ेा पाउआएला।
- इमन केर गितेक रस:- भक्ति रस, सिंगार रस, बिज’ग सिंगार रस, हुब रस, मन भांगा रस आहे ।
- मइन मइधकालीन कबि हेकएँ।
- बाघमुण्डी राइज टा से सम’इए कासी पुर माहाराज कर अधीने रहे।
- कासी पुर माहाराज केर नाम ‘‘गरूड़ नारायन’’ रहे।
गउरांग सिंह कासी पुर माहाराज केर पासे इ गित टा गितकाए रहेन-
जनक पुर जब’पयान, करे के ख्ंाड’ धनुक बान
पथ’माझे अहइला, सिला जड़िताय
हे गरूड़ नारायन, सेइ पदे सरनागतम।।
इन्हे भी देखें :-
- Panchpargania Test – 1
- Panchpargania Test-2
- panchpargania test – 3
- panchpargania tes – 4
- Panchpargania test-5
- Panchpargania Test -6
- Panchpargania Test-7
- Panchpargania Prakirna Sahit Ker Best Jankari
- पंचपरगनिया आधुनिक साहित्यकार
- Panchpargania Adhunik Sahityakar Ker Best Jankari 2
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सारांश
इ आरटिकल टा केसन लागलग जरूर कमेंट करबा। एसने बेस-बेस परीछा उपजगि आरटिकल पढ़ेक तेहें हामरेक बेबसाइट टाके र’जे भिजिट क’रबा। एकर अलावा पंचपरगनिया भासा संबंधी केसन जानकारी चाहाला उटाकउ कमेंट केर दाराए बताबा। लेगे सउब के जोहार कर’तिहि।
बहुत बढ़िया जानकारी गुरुजी,👏👏
मध्यकालीन कबि कर जानकारी देएक खातिर बहुत-बहुत धन्यवाद गुरु जी आउर मध्यकालीन कबि सउब गिला केर जानकारी गुरु जी उमन केर दाराय मिलते र’हउक।
Bahut sunder jankari aise hi likhte rahein our samaj ko aage barayein