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पंचपरगनिया आधुनिक साहित्यकार
पंचपरगनिया आधुनिक साहित्यकार हिंआ एक लाइनर केर रूपे देल जातेहे, संगी-साथी त’हरे जदि जे.एस.एस.सी केर तेआरि क’राला, चाहे पंचपरगनिया भासा केर प’ढ़ाइ क’राला त’ निचित रूपे इ एक लाइनर प’इंट गिला काम आइ। आसा आहे तोहरे सोउब लाभ उठाबा
पंचपरगनिया आधुनिक साहित्यकार जगन्नाथ महतो
कहल जाएला पंचपरगनिया आधुनिक साहित्यकार मेहने जगन्नाथ महतो केर Best थान आहे, पंचपरगनिया भासा केर ल’क साहित के सउब ले पहिल समटेक काम क’इर आहएँ। इमन जखन पंचपरगनयिा भासा के केउ पुछत नि रहएँ सेइ सम’इए पंचपरगा छेतर’ केर बिहा गित गिलाके समटेक काम करलेन। इमन केर समटल गित गिला ‘‘पंचपरगनिया विवाह गीत संग्रह’’ केर रूपे संकलित आहे। कहल जाएला जे इमने आपन सम’इ केर तमाड़ेक पहिला बी.ए. एम.ए. कर’इआ बिदुआन रहएँ।
इमन एकटा समाज सेवीअ रहएँ। इमन दुइ धं बिधाएक बइन रहएँ । आर से सम’इए हामरेक पाँचपरगना इलाकाएँ सिछा केर तहें कन’ बेब’सथा नाइ रहे कहल जाएला जे इमन आपन पद आर पावर केर उपजग कइर कहन हामरेक पाँच परगना इलाकाएँ ढेइर रकम केर इसकुल खलुआलएँ। इ रकम इमन सिछा केर दिआ बाइर कहन पुरा पाँच परगनाएँ आल’ करेक काम कइर आहेन।
हेंठे एक लाइनर रूपे पंचपरगनिया आधुनिक साहित्यकार जगन्नाथ महतो केर बारे देखाल जातेहे-
- जनम – 1902, मरन – 1983
- गाँव – झटगाँव, तमाड़ ।
- मेटरिक – राँची जिला स्कुल, राँची ।
- आइ0ए0 – संत कलोमबस, हाजारीबाग ।
- बी0ए0 – संत कलोमबस, हाजारीबाग ।
- एम0ए0 – 1931 पटना बिस्स’बिदालय ।(संस्कृत)
- तमाड़ केर पहिला गेरेजुएट आर पस्ट गेरेजुएट मानल जाएँला ।
- अकालत केर’ पढ़ाइ कइर रहएँ ।
- घ’ड़ा मेंहेन हाजारीबाग पढ़े जात रहएँ ।
- आजाद भारत केर चुनाव 1952 इसबिए लइड़ रहएँ ।
- इमन सदर राँची आर पुरबी राँची लेक दुइधं चुनाव लइड़ रहएँ आर जितब’ कइर रहएँ ।
- 1952 लेक 1961 तक बिहार विधानसभा केर सदइस रहएँ ।
- 1964 इसबिए तमाड़ परखंड केर परमुख रहएँ ।
- अनेक पाराथमिक आर हाइ इसकुल केर थापना कइर रहएँ ।
- 1943 इसबिए ‘‘पंचरगनिया विवाह गीत संग्रह’’ छापाए रहएँ ।
- पंचपरगनिया ल’क साहित के ज’गाइआ पहिला साहितकार हेकएँ ।
पंचपरगनिया आधुनिक साहित्यकार डाॅ. दीनबंधु महतो
पंचपरगनिया आधुनिक साहित्यकार मइधे डाॅ. दीनबंधु महतो पंचपरगनिया भासाक एकटा दारून साहित्यकार रूपे एखन खेआति पाए आहएँ। जबे ले जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग माहने पंचपरगनिया भासा केर पठन-पाठन सुरू हलक तबे ले पंचपरगनिया भासा साहित मेंहेन कन’ रकमेक कमि ना हउक कइकहन दिन-राइत साहित साधनाएँ रत’ आहएँ। संगे-संगे इमन बिना भुति मेंहनेइ पंचपरगनिया भासा पढ़’इआ छुआ के ढेइर बछर तक प’ढ़ा-लिखा करूआलएँ।
इसे भी पढें –
- पंचपरगनिया भासाक (Panchpargania Bhasha) सामाइन’ चिन्हाप
- पंचपरगनिया भाषा का नामकरण
- पंचपरगनिया भासा का जन्म / उद्भउ
- पंचपरगनिया संइगा केर चिन्हाप
एखन इमनेक प’ढ़ाल अनेक छुआ बड़े-बड़े प’दे काम कर’तहएँ। बरत’माने डाॅ. दीनबंधु गुरूजी पी.पी.के. काॅलेज बुण्डू मेंहेन सेवा दे त’हएँ। आसा आहे डाॅ. दीनबंधु गुरूजीक कलम ले आउअ’इआ समइए ढेइर रकम केर रचना देखे पाउआइ। इमनेक संबंधे एक लाइनर रूपे जानकारी देल जातेहे –
- जनम 22 जनवरी,1959, गाँव – पोगड़ा, सिल्ली (बरत’माने – राहे)
- बाप – दुलाल महतो, माँए – सुपती देबी ।
- मिडिल बोर्ड 1969, मेटरिक – 1975, आइ0एस0सी0 – 1978, बी0एस0सी0 – 1981 (राँची इनभरसिटि), एम0ए0- 1988 (पंचपरगनिया, राँची इनभरसिटि ), पीएच0डी0 -2018 (पंचपरगनिया, राँची इनभरसिटि )
- साहायक पाराइधापक केर रूप मेंहेन जगदान 1990 ले 2017 तक (सिल्ली काॅलेज )
- 1993 इसबि ले 2016 इसबि तक टी0 आर0 एल0 मेंहेन आंसिक अइधापन ।
- डाॅ0 दीनबंधु 24 साल तक फक’टिआ अइधापन करलएँ ।
- जनवरी 2018 ले एखन पी0पी0के0 काॅलज बुंडु मेंहेन अइधापन कर’तहँए ।
- सम्मान –
- 1. झारखंड रत्न – 2013 (विश्व सेवा परिषद) ।
- 2. जय शंकर अवार्ड – 2020 (जयशंकर प्रसाद विचार मंच)
इमन केर आलेख छापाल पतरिकाक नाम :-
- साहित्यम
- आखड़ा
- दृष्टि पात
- बिहान
- झारखंड इनसाइकलोपिडिया
- जनजातीय शोध
- अन्य
किरिति –
- बांबरा – 2012, कबिता संग्रह (परमानंद महतो संग)
- गइदेक भिनु-भिनु डाइर (संकलन, 2012)
- झुमर संगीत – बिपिन बिहारी मुखी, संकलन, प्र0-2014, दि0-2017
- रामकिस्टो गांगुली केर गीत – 2014, संकलन
- पंचपरगनिया केर मइधकालीन काइब – 2014, संकलन
- पंचपरगनिया लोक कहनी – 2016, संकलन (पुष्पा देवीक संगे)
- पंचपरगनिया प्रकीर्ण लोक साहित्य – 2017, (पुष्पा देवीक संगे)
- पंचपरगनिया साँसकिरतिक आर साहितिक निबंध -2017, 2020 (पुष्पा देवीक संगे)
- मेसा कोसा भाग – 2 (दसवी स्तर) सहजग, संकलन संपादन राजकिशोर सिंह संग
- जीबन पथेक फुल – एकटा कबिता (पाँचपरगना) 1990